हनुमान बाहुक हिंदी में | Hanuman Bahuk Lyrics in Hindi PDF

📖 परिचय

हनुमान बाहुक गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित एक अत्यंत शक्तिशाली और भक्तिपूर्ण स्तोत्र है, जो विशेष रूप से शारीरिक पीड़ा, रोग, और संकटों से मुक्ति के लिए पढ़ा जाता है। ‘बाहुक’ का अर्थ होता है – बाहुओं (हाथों) से युक्त और इस स्तोत्र में श्री हनुमान जी की वीरता, शक्ति और उनके करुणामयी स्वरूप की अत्यंत भावपूर्ण वंदना की गई है।

हनुमान बाहुक का पाठ क्यों किया जाता है?

यह स्तोत्र विशेष रूप से दर्द, पुराने रोग, मानसिक तनाव, और जीवन के संकटों से राहत के लिए किया जाता है।
ऐसा विश्वास है कि इसका नियमित पाठ हनुमान जी की कृपा शीघ्र प्राप्त कराता है और दुर्लभ रोगों से भी छुटकारा मिलता है।

📿 हनुमान बाहुक का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

इसका नियमित पाठ रोज़ाना एक बार, विशेषतः सुबह या शाम किया जाता है।
कई साधक इसे 21, 51 या 108 बार पाठ करके विशेष फल प्राप्त करते हैं। रोग या पीड़ा की स्थिति में इसका 21 दिन तक लगातार पाठ बहुत फलदायक माना जाता है।

✍️ हनुमान बाहुक के रचनाकार कौन हैं?

इस स्तोत्र की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी, जब उन्हें स्वयं शारीरिक कष्ट हुआ था। श्री हनुमान जी की कृपा से वे स्वस्थ हुए और यह स्तोत्र भक्तों के लिए संकटहरण का माध्यम बन गया।

🧘‍♂️ हनुमान बाहुक का पाठ कैसे करें?

  • प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें
  • हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीप जलाएँ
  • शांत मन से बैठकर भावपूर्वक पाठ करें
  • लाल पुष्प, चने का प्रसाद और हनुमान जी की आरती करें
  • मंगलवार, शनिवार और हनुमान जयंती पर विशेष फल मिलता है

🌿 हनुमान बाहुक पाठ के लाभ

  • शारीरिक रोगों से मुक्ति
  • मानसिक तनाव और डर से राहत
  • रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि
  • जीवन के संकटों से रक्षा
  • दुर्भाग्य व वास्तुदोष से बचाव
  • आध्यात्मिक बल और आत्मविश्वास की वृद्धि

📅 हनुमान बाहुक का पाठ कब करना चाहिए?

  • विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को
  • सुबह सूर्योदय के बाद या संध्या के समय
  • रोग या संकट की स्थिति में कभी भी
  • व्रत, हनुमान जयंती या विशेष हनुमान पूजा में

✍️ Credits

  • रचयिता: गोस्वामी तुलसीदास
  • भाषा: अवधी/ब्रज मिश्रित
  • मूल स्रोत: लोक परंपरा, श्रीरामभक्ति साहित्य
  • समर्पित: श्री हनुमान जी महाराज

श्री हनुमान बाहुक पाठ

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